एक जोकर का पंचनामा..!
"गर जानना है मुझको तो, आँखों में झाँकिये., शब्दों में बयाँ हो सकूँ, वो चीज़ नहीं मैं..!!"
मंगलवार, 24 मार्च 2015
थोड़ा सा सामान बचा है,
दिल में एक अरमान बचा है!!
घर तो कब का खाक हो गया,
अब तो सिर्फ मकान बचा है!!
किसे बतायें मन की बातें,
मन में क्या अरमान बचा है!!
सब के सब तो खुदा हो गये,
कौन यहाँ इंसान बचा है!!
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