मेरे ज़ूज़ू .!
क़ाश,
कि मैं और तुम,
कभी इस जगह पर आयें,
और,
ज्यों ही लूँ,
मैं तुम्हें अपने आगोश में.
सूरज का रथ,
और,
वक़्त के पहिये
दोनों,
हमेशा हमेशा के लिये
थम जायें....!!
"गर जानना है मुझको तो, आँखों में झाँकिये., शब्दों में बयाँ हो सकूँ, वो चीज़ नहीं मैं..!!"