सुबह सूरज निकलने से
लेकर शाम को उसके ढलने तक, एक साधारण से साधारण व्यक्ति की दिनचर्या में भी ना
जाने कितने ही ऐसे दिलचस्प और रोचक वाकये घटित होते हैं कि, उन पर बिना किसी लाग
लपेट के ना जाने कितने ही मनोरंजक और प्रेरणादायक लेख लिखे जा सकते हैं!
लेकिन नहीं!
मैं धर्म और राजनीति
जैसे गूढ़ विषयों के अलावा बाकि अन्य किसी विषय एक शब्द भी नहीं लिखूंगा! आखिर मुझे भी तो एक वर्ग विशेष के मध्य एक
निपुण राजनीतिक विश्लेषक के रूप में स्थापित होना है, और अगर मैं ही धर्म में
व्याप्त आडम्बरों पर सविस्तार नहीं लिखूँगा, तो फिर देश और समाज को इस झंझावत में डूबने
से भला कौन बचायेगा.!इसके पश्चात अगर थोड़ा बहुत समय बाकि रहा तो फिर या तो मैं
अपनी दुःख भरी दास्ताँ लिखूँगा, या फिर समाज में हो रहे नारी उत्पीडन के खिलाफ़
झन्डा उठाकर घूमूँगा! आखिर मुझे अपनी मित्रता सूची में उपस्थित उन स्नेहमयी महिला
मित्रों के ह्र्दय में भी तो स्पेस बनाना है, जिनकी धर्म और राजनीति जैसे बोझिल
विषयों में कोई रूचि ही नहीं है!
अब आप ही बताइए इन
सब इतने महत्वपूर्ण और गंभीर विषयों में इतना सर खपाने के उपरान्त किसी के पास इतना
समय ही कहाँ बचता है, वो अपने चारो ओर बिखरी छोटी छोटी खुशियों को बटोरने और
उन्हें महसूस करके उन पे दो अशरार लिख सके!
बात करते हैं!
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